डायलिसिस तकनीशियन होना आसान नही
एक मामूली सा डायलिसिस तकनीशियन हूँ, बेशक कोई भगवान नही
डायलिसिस तकनीशियन होना मगर इतना भी आसान नही
इस दर्जे की खातिर मैने अपनी हर खुशी को खोया है
मैं वो हूँ जो किसी भी मरीज की हालत खराब होने पर रोया है
सुकुन की जिंदगी को कुर्बान करता हैं डायलिसिस तकनीशियन
कभी कुर्सी तो कभी इमरजेंसी टेबल पे सोया है
जाने कब होली बीती, जाने कब दिवाली गई
जाने कितने रक्षाबंधन,मेरी कलाई खाली गई
परीक्षाओं की लड़ी ने साथ नही छोड़ा अब तक
मेरे हज़ारों दिन खा गई,उतनी ही रातें काली गई
फिर भी तुम्हें हर वक्त जो खुश दिखे परेशान नही
डायलिसिस तकनीशियन होना इतना भी आसान नहीं।
मैनें क्रिकेट का बैट छोड़ा, टीवी का रिमोट छोड़ा
सफेद एप्रन की खातिर मैने जैकेट-कोट छोड़ा
मेरा कोई संडे नही, छुट्टी की गुज़ारिश नही
सर्दी का कोहरा या पहली वाली बारिश नही
मेरा परिवार मुझसे बात करने को तरसता है
लेकिन कभी पूरी होती उनकी ख्वाहिश नही
अपने ऊपर गर्व है मुझे,लेकिन कोई गुमान नही डायलिसिस तकनीशियन होना इतना भी आसान नही
जाने कितने लोग हमने ‘नींद’ से जगा दिए
जाने कितने अंधेरे हमने दुनिया से भगा दिए
तुम भी तो मेरी इस हालत से अनजान नही
डायलिसिस तकनीशियन का होना इतना भी आसान नही।